Discipline is Destiny (Hindi)
किसी भी क्षेत्र में महारत हासिल करने के लिए, सबसे पहले हमें अपने मन, विचार और कार्यों को नियंत्रित करना आना चाहिए। यह एक ऐसा प्राचीन सिद्धांत है जो आज की उलझनों और प्रलोभनों से भरी दुनिया में और भी अधिक महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हो गया है। आइजनहावर ने प्रसिद्ध रूप से कहा था कि स्वतंत्रता का मतलब है आत्म-अनुशासन का अभ्यास करने का अवसर। सिसरो नेसंयम को जीवन का सौंदर्य कहा था। यदि हमारे पास सीमाएँ और संयम नहीं हैं, तो न केवल हम अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने में असफल रहेंगे और अपने द्वारा अर्जित उपलब्धियों को खतरे में डाल देंगे, बल्कि हम खुद को पीड़ा और शर्मिंदगी
के अंतहीन चक्र में फँसने के लिए मजबूर कर देंगे।
करेज इज़ कॉलिंग की इस अगली कड़ी में, रायन हॉलिडे ने उस सद्गुण पर प्रकाश डाला है जो अन्य सभी सद्गुणों को साधने के लिए अनिवार्य है। इसे कई नाम दिए गए हैं: टेम्परेन्स, संयम, आत्म-नियंत्रण, अनुशासन। परंतु अंततः इन सबका तात्पर्य एक ही है: शासित होने के बजाय शासन करना। अपनी सीमाओं को पहचानना, उन्हें निर्धारित करना और अपनी आदतों को सही दिशा देना। यह आत्मसंयम इतिहास के सभी महानतम लोगों के व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा था - लू गेहरिग के पूरे करियर में उनकी अद्भुत सहनशक्ति और अतुलनीय धैर्य से लेकर महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के शांत एवं गंभीर आत्मसंयम तक; मार्कस ऑरेलियस के सशक्त नेतृत्व, लेखिका जॉयस कैरल ओट्स की अद्भुत रचनात्मकता व उत्पादकता और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की अहिंसा के प्रति उनकी अडिग निष्ठा तक। इतिहास के चेतावनी भरे किस्से भी इसी बात को प्रमाणित करते हैं - नेपोलियन की विनाशकारी अतिमहत्वाकांक्षा से लेकर बेब रूथ की आत्मविनाशकारी आदतों तक - कि यदि हमारे भीतर आत्म-अनुशासन न हो, तो हमारी यात्रा आरंभ होने से पहले ही समाप्त हो जाती है।
अतिरेक और अराजकता के इस युग में, आत्म-अनुशासन न केवल आवश्यक है, बल्कि एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ भी है। इसके बिना महानता असंभव है... और इसके साथ, छोटी और साधारण चीजें भी असाधारण और महान बन जाती हैं। क्या आप इसे पाने के लिए अपने भीतर झाँकने का साहस करेंगे? और सबसे अहम सवाल, क्या आप अपने जीवन में इसे लागू करेंगे? क्योंकि आत्म-अनुशासन ही वह साधन है जो आपके जीवन को सही राह पर ले जाकर पूर्णता प्रदान कर सकता है।